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अमानव ( स १ - एपिसोड २ ) - अज्ञात लोग

(शहर के अहाते से जुड़ा एक जगह)

 

विपुल:  वेलकम राइडर्स कैसे हैं आप लोग?

 

शोर : बहुत बढ़िया।

विपुल आज मैं आप लोगों को बताना चाह रहा था कि मैं अगले महीने नेपाल की राइड प्लान कर रहा हूं क्योंकि हम राइडर्स के लिए वह बहुत अच्छी जगह है।

 

करण : यार अगले महीने मुझे छुट्टी नहीं मिलेगी ऑफिस से।

 

विपुल (हंसते हुए):  अरे हमारी बाइक हमारे पत्नियां हैं और पत्नी के लिए तो बंदा सब कुछ करता है करण जी।

 

(सब कहकहा कर हंसते हैं)

 

विपुल : बाकी मै सब जानकारी जल्दी ही आप लोगों को दे दूंगा और हां आज हमारे ग्रुप में एक और राइडर जुड़ा है मिस्टर रोहन, आइए रोहन साहब तालियों से स्वागत करिए सब लोग नए सदस्य का।

 

(तालियां बजती है)

 

रोहन:  हाय ऑल धन्यवाद विपुल जी का और आप सब लोगों का मुझे अपने साथ जोड़ने के लिए।

 

विपुल:  चलो फिर सब लोग एक छोटी सी राइड करके आते हैं।

 

(सब बाइक स्टार्ट करते हैं और चल पड़ते हैं तभी एक रेड लाइट पर.....)

 

मयंक:  देखो सब रेड लाइट को क्रॉस कर रहे हैं ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन।

 

विपुल : गलती खुद से करेंगे फिर पुलिस को दोषी ठहराऐंगे।

 

मयंक: सही बात है अरे! विपुल यह रोहन क्या लिख रहा है?

 

विपुल : छोड़ यार कुछ लिख रहा होगा।

 

(हरी लाइट होने पर सब चल दिए उस दिन कई जगह ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हो रहा था....)

 

विपुल:  चलो सब लोग सामने वाले चाय वाले के यहां चाय पीते।

 

(सब चाय वाले के यहां रुकते हैं)

 

मयंक : रोहन भाई आप रेड लाइट पर क्या लिख रहे थे डायरी में?

 

रोहन : यार मैं उन लोगों की बाइक का नंबर लिख रहा था जो ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन कर रहे थे क्योंकि मैं एक समाज सेवी संस्था से जुड़ा हूं जो ऐसे लोगों का ब्रेनवाश करते हैं।

 

मयंक: ओहहहहह..... मुझे दिखा सकते हैं डायरी प्लीज।

अमानव ( स १ - एपिसोड २ ) - अज्ञात लोग

रोहन : जी देख लीजिए।

 

(सब चाय पीते हैं और अपने अपने घर चले जाते हैं ।मयंक नितेश के घर जाता है क्योंकि नितेश की तबीयत खराब होती है तो वह आज राइट के लिए नहीं आ पाया होता है।)

 

मयंक:  कैसी तबीयत है?

नितेश: ठीक है तू गया था आज राइडिंग क्लब?

मयंक : हां गया था ,रोहन नाम का एक राइडर और जुड़ा है। पता भाई विपुल अगले महीने नेपाल का प्लान कर रहा है।

 

नितेश (खुश होते हुए):  बढ़िया यार। अरे!  निखिल आया था क्या आज?

 

मयंक (मुंह बनाते हुए):  भाई वह तेरा दोस्त है मुझे समझ में नहीं आता वह बंदा।

 

नितेश : चल अच्छा मुंह मत बना अनन्य का जन्मदिन है आ जाना थोड़ी देर के लिए मैं भी चलूंगा शाम को।

 

मयंक : ठीक है मैं जा रहा हूं अभी शाम को मिलता हूं बाय।

 

(अनन्य नितेश में मयंक का दोस्त था)

 

उसी शाम:

 

मयंक एवं नितेश:  जन्मदिन मुबारक अनन्य भाई।

 

अनन्य: धन्यवाद, अबे! नितेश तेरी तबीयत खराब थी तो क्यों फिर आया।

 

नितेश:  चुप बैठ गए तेरे लिए कुछ भी यार।

 

(तीनो एंजॉय करने लगे)

 

अनन्य:  और मयंक इशिका कैसी है?

मयंक (हंसते हुए ) : जैसी बीवियां होती है वैसी ही है।

अनन्य : नितेश तू भी शादी कर ले।

नितेश : ना बाबा ना मैं ऐसे ही अच्छा मुझे कोई नहीं झेल पाएगा।

 

मयंक : हां इनको घरवाले इतनी लड़कियां दिखा रहे हैं नवाब साहब को कोई समझ ही नहीं।

 

नितेश : मुझे अपने सपनों के बीच कोई नहीं चाहिए यार।

 

मयंक :जैसी तेरी इच्छा और तू बता अनन्य प्रज्ञा कैसी है?

 

अनन्य (हंसते हुए): ठीक है यार सुबह रात शाम हम लोग लड़ते ही रहते हैं पता नहीं लगता है क्या पता नहीं शादी तब तक टिक भी पाएंगे कि नहीं ..

 

नितेश : तुम ही लोग भैया इश्क दर्द दुख धोखा प्यार के चक्कर में रहो अच्छा सुन अनन्य  हमारा राइडिंग ग्रुप नेपाल जा रहा है तू भी चल ना।

 

अनन्य : नहीं यार तुम लोग को पता है, जब से प्रज्ञा आई है जिंदगी में मैंने रेसिंग भी कम कर दी गई है इसलिए आप कहीं नहीं जाऊंगा।

 

मयंक:  मैं समझ सकता हूं जब से इशिका आई है जिंदगी में मेरी बाइक की स्पीड भी कम हो गई है।

 

नितेश: बस शुरू हो गया दोनों के दोनों जोरू के गुलाम।

 

मयंक : नहीं नितेश भाई तुझे जिस दिन सच्चा प्यार होगा तब पता चलेगा।

 

अमानव ( स १ - एपिसोड २ ) - अज्ञात लोग

नितेश ( बेपरवाह होकर):  मुझे नहीं होगा क्योंकि सच्चा प्यार सिर्फ धोखा होता है और कुछ नहीं।

 

मयंक :भाई लोगों 11:00 बज रहे हैं मुझे चलना होगा।

 

नितेश:  हां चल मुझे भी घर छोड़ दे।

 

मयंक : नहीं मुझे कहीं और जाना है तुझे अनन्य छोड़ देगा।

 

अनन्य : तू कहां जा रहा है?

 

नितेश (  बात काटते हुए) :  हां तू जा। अनन्य तू मेरे को छोड़ दियो।

 

(मयंक चला जाता है..... एक जगह एक घर का दरवाजा खटखटता है दरवाजा खुलते ही बंदा गायब...).......

 

क्रमशः.....…........

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6 Comments

Seema Priyadarshini sahay

08-Dec-2021 09:27 PM

बहुत बढ़िया भाग

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Fauzi kashaf

02-Dec-2021 11:53 AM

Nice

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Zaifi khan

30-Nov-2021 07:43 PM

بہت خوب

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